बच्चों की थाली से गर्म खाना गायब उच्च अधिकारियों की अनदेखी नेनिहालो की मुसीबत, बच्चों को मीनू अनुसार नहीं दे रहे भोजन, नियमों को ताक में रखकर उड़ा रहे मध्यान्ह भोजन की धज्जियां
सरदारपुर – कहने को तो पोषण आहार का सही समय बचपन मे ही होता है और शासन भी इसका पालन करते हुए कई विद्यालयो आंगनवाड़ियों में पोषण आहार को लेकर विशेष महत्व देते हुए इससे संबंधित कई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है मगर शासन की इन योजनाओं को प्रत्यक्ष रूप से खंगाला जाए तो शासन द्वारा दिया हुआ पोषण आहार का 25 फिसदी भी बच्चों को नहीं मिल रहा है ऐसे कई उदाहरण में से एक उदाहरण हमारे मीडिया कर्मियों द्वारा मौके पर पहुंच कर देखा है
सोमवार से लेकर शनिवार तक शासन की ओर से बच्चों को दिए जाने वाले भोजन के मेनू बनवाकर दिया गए हैं ताकि सही समय पर बच्चों को शासन से मिल रहे योजना के अंतर्गत भोजन का लाभ मिल सके लेकिन एक भी सहायता समूह इन आदेशों का पालन नहीं करता दिखाई दे रहा है बात करें मामला सरदारपुर जनपद की लाबरिया संकुल के मसारपाड़ा गुलरीपाड़ा भैरू पाड़ा मजरो में स्थित विद्यालयो का है । जहां पर पत्रकार द्वारा स्कूलों का निरीक्षण किया तो बच्चों को समय पर ना तो भोजन मिला और अधिकांश जगह अपने मेनू के हिसाब से भोजन में कमी पाई गई जिसके साथ ही गुरुवार के मीनू में वेजिटेबल पुलाव खिचड़ी- पकोड़ा कडी का प्रावधान चार्ट में दर्शाया गया था परंतु मजरों में विद्यालय होने से व सहायता समुह के द्वारा नियमों को ताक में रखकर मध्यान भोजन नियम की धज्जियां उड़ाई तथा बच्चों को सिर्फ खिचड़ी देकर अपनी जिम्मेदारियां से इतिश्री कर लिया गया प्रतीत हुआ
उक्त संबंध में मौजूद विद्यालय में शिक्षकों द्वारा सही समय पर भोजन न आना निरीक्षण के दौरान बच्चों को भोजन न मिलाना स्वीकार किया तथा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को संबंध में जानकारी देने का हवाला दिया गया
सोमवार से लेकर शनिवार तक के लिए शासन ने मीनू बनाकर सहायता समूह को दे रखे हैं लेकिन अधिकांश जगहों में इसका पालन करते अधिकतर मजरो में नहीं देखा गया है जिसकी वजह से संबंधित सहायता समूह की लापरवाहियां प्रतीत होती है किसी भी सप्ताह में मीनू का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और ना ही उच्च अधिकारियों का इस संबंध में समय-समय पर जांच या निरीक्षण किया जा रहा है! खास बात यह है कि ग्रामीण इलाकों में गरीब तबके के बच्चों को शासन के योजनाओं का लाभ का भोजन को डकारना आखिर प्रशासन जिम्मेदारों पर कब लगाम कस पाएगा यह एक बड़ा प्रश्न लगता है सोचने का विषय है कि आखिर सहायता समूह पर किसका वरदहस्त रहता है जिससे जिम्मेदार अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं कर पाते हैं
संकुल लाबरिया अंतर्गत मजरों में देखा गया कि कई विद्यालय के सहायता समूह एक ही समूह के होने से विद्यालयो में भोजन वितरण किया जा रहा है समय का ध्यान ना रखते हुए बच्चों को समय पर भोजन नहीं मिल पाता है क्योंकि एक ही समुह करीब 5 से 6 जगह पर भोजन वितरण
करता है तो बच्चे उसका इंतजार करते नजर आते हैं